Vidhya Bharti Khelkood Nirdeshika- विद्या भारती खेलकूद निर्देशिका

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जीवन में सब सुख की ही कमाना करते हैं, दुःख आने पर सब विचलित हो जाते है किंतु दुःख के मूल कारण को जान समझ कर उससे बचने का और स्थायी सुख का मार्ग खोजने का प्राय: कोई प्रयास नही करना चाहता। अध्यात्म के मार्ग को दुष्कर और सामान्य, संसारीजनों के लिए दुष्प्राप्य मान लिया जाता है। ऐसे में, संसार में रहते हुए सर्वसाधारण जीवनचर्या का निर्वाह करते हुए भी कैसे अध्यात्म के परम तत्व को अनुभव किया जा सकता है, इस प्रकार की जीवन दृष्टि की सप्ष्ट झलक मिलती है भगवान महावीर के जीवन चरित्र और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों से। भगवान महावीर की 2550 वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनकी शिक्षाएं इस देश की अगली पीढ़ी तक पहुंचे, इस दृष्टि से उनके जीवन चरित्र तथा शिक्षाओं को सरल -सुबोध भाषा में प्रस्तुत किया गया है।

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विद्या भारती ने खेलकूद के क्षेत्र में बहुत विकास किया है और अब उसको भारत सरकार की सबसे बड़ी खेल संस्था SAI से मान्यता भी मिल गई है। खेलकूद की प्रतियोगिताओं में भी विद्या भारती ने देश को बहुत अच्छे खिलाड़ी दिए हैं। इन प्रतियोगिताओं के लिए अच्छे खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है। इस दृष्टि से खेलों की नियमावली की आवश्यकता सर्वत्र अनुभव को पाने लगी है। खेलों को व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए यह नियमावली अत्यंत उपयोगी है।