स्वतंत्रता के अमृत महोत्सवय् का यह अवसर उन बलिदानियों, देशभक्तों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन का अवसर है जिनके त्याग और बलिदान के कारण ही हम स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में जागतिक समुदाय में अपना यथोचित स्थान प्राप्त करने की दिशा में बढ़ रहे हैं। उन अनाम वीरों, चर्चा से बाहर रह गयी घटनाओं, संस्थाओं और स्थानों, जिन्होंने स्वतंत्रता आन्दोलन को दिशा दी और मील का पत्थर सिद्ध हुईं, का पुनरावलोकन, मूल्यांकन तथा उनसे जुड़ी लोक स्मृतियों को सहेज कर उन्हें मुख्यधारा से परिचित कराना होगा ताकि आने वाली पीढ़ियां जान सकें कि आज सहज उपलब्ध स्वतंत्रता के पीछे पीढ़ियों की साधना, राष्ट्रार्चन के लिये शताब्दियों तक बहाये गये अश्रु, स्वेद और शोणित का प्रवाह है।
Shree Svatantarte- श्री स्वतंत्रते
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जीवन में सब सुख की ही कमाना करते हैं, दुःख आने पर सब विचलित हो जाते है किंतु दुःख के मूल कारण को जान समझ कर उससे बचने का और स्थायी सुख का मार्ग खोजने का प्राय: कोई प्रयास नही करना चाहता। अध्यात्म के मार्ग को दुष्कर और सामान्य, संसारीजनों के लिए दुष्प्राप्य मान लिया जाता है। ऐसे में, संसार में रहते हुए सर्वसाधारण जीवनचर्या का निर्वाह करते हुए भी कैसे अध्यात्म के परम तत्व को अनुभव किया जा सकता है, इस प्रकार की जीवन दृष्टि की सप्ष्ट झलक मिलती है भगवान महावीर के जीवन चरित्र और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों से। भगवान महावीर की 2550 वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनकी शिक्षाएं इस देश की अगली पीढ़ी तक पहुंचे, इस दृष्टि से उनके जीवन चरित्र तथा शिक्षाओं को सरल -सुबोध भाषा में प्रस्तुत किया गया है।
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Dimensions | 21.6 × .10 × 13.46 cm |
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