गणित के क्षेत्र में भारत की देन अद्वितीय है। सारा संसार इस बात को मानता है कि भारत के मनीषियों ने शून्य की संकल्पना देकर विश्व में गणित और विज्ञान को सारे विश्व में धन्य कर दिया और सारे दाश्मिक प्रणाली का अद्भुत सृजन किया। प्राचीन ग्रन्थों में से नवनीत के समान कुछ आधारभूत सूत्र निकालकर जगत्गुरु स्वामी भारती कृष्ण तीर्थ ने ऐसी पद्धतियों का निरूपण कर दिया है जिसके कारण से गणित शिक्षा बहुत आसान हो गई है। इसमें सोलह सूत्र और 13 उपसूत्र ऐसे निकाले गये है जो गणित की सभी विधाओं के प्रश्नों को बड़ी तीव्र गति से हल करने में सहायक है। यह पुस्तक मूलतः गणित आचार्यों के लिए लिखी गई है।
Vedic Ganith Nirdeshika- वैदिक गणित निर्देशिका
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जीवन में सब सुख की ही कमाना करते हैं, दुःख आने पर सब विचलित हो जाते है किंतु दुःख के मूल कारण को जान समझ कर उससे बचने का और स्थायी सुख का मार्ग खोजने का प्राय: कोई प्रयास नही करना चाहता। अध्यात्म के मार्ग को दुष्कर और सामान्य, संसारीजनों के लिए दुष्प्राप्य मान लिया जाता है। ऐसे में, संसार में रहते हुए सर्वसाधारण जीवनचर्या का निर्वाह करते हुए भी कैसे अध्यात्म के परम तत्व को अनुभव किया जा सकता है, इस प्रकार की जीवन दृष्टि की सप्ष्ट झलक मिलती है भगवान महावीर के जीवन चरित्र और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों से। भगवान महावीर की 2550 वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनकी शिक्षाएं इस देश की अगली पीढ़ी तक पहुंचे, इस दृष्टि से उनके जीवन चरित्र तथा शिक्षाओं को सरल -सुबोध भाषा में प्रस्तुत किया गया है।
Weight | .260 kg |
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Dimensions | 21.6 × 1.3 × 13.20 cm |
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