महापुरुषों का जन्मदिन मनाने की परंपरा भारत में प्राचीन काल से चली आ रही है। प्रत्येक माता-पिता ये मानकर चलता है कि हमारा बालक भी कोई महापुरुष बनेगा, दीर्घायु होगा और कुल के लिये यश लाने वाला होगा। इस दृष्टि से वे संतानों का जन्मदिवस मनाने लगे हैं परन्तु पश्चिम का अंधानुकरण करने के कारण हम प्रकाश की बजाय अंधकार फैलाकर तथा निरर्थक गीत गाकर इस पर्व को मनाने लगे हैं। भारत में दीपक बुझाना अपशगुन माना जाता है इसलिये बालक के जन्म पर मोमबती बुझाना उसके लिये अशुभ बात सोचना है। इसी प्रकार और भी क्रियाकलाप ऐसे है जो भारतीय परम्पराओं से विपरीत हैं बालक का जीवन प्रकाश से भरा रहे, इस दृष्टि से भारतीय परम्पराओं के अनुसार जन्मदिवस बनाने की विधि इस पुस्तक में दी गई है। नई पीढ़ी में अच्छे संस्कार जगाने के लिये यह पुस्तक एवं कैसेट सशक्त माध्यम सिद्ध होगी।
Janamadivasotsav Vidhi- जन्मदिवसोत्सव विधि ( पुस्तक)
₹6.00
महापुरुषों का जन्मदिन मनाने की परंपरा भारत में प्राचीन काल से चली आ रही है। प्रत्येक माता-पिता ये मानकर चलता है कि हमारा बालक भी कोई महापुरुष बनेगा, दीर्घायु होगा और कुल के लिये यश लाने वाला होगा। इस दृष्टि से वे संतानों का जन्मदिवस मनाने लगे हैं परन्तु पश्चिम का अंधानुकरण करने के कारण हम प्रकाश की बजाय अंधकार फैलाकर तथा निरर्थक गीत गाकर इस पर्व को मनाने लगे हैं। भारत में दीपक बुझाना अपशगुन माना जाता है इसलिये बालक के जन्म पर मोमबती बुझाना उसके लिये अशुभ बात सोचना है। इसी प्रकार और भी क्रियाकलाप ऐसे है जो भारतीय परम्पराओं से विपरीत हैं बालक का जीवन प्रकाश से भरा रहे, इस दृष्टि से भारतीय परम्पराओं के अनुसार जन्मदिवस बनाने की विधि इस पुस्तक में दी गई है। नई पीढ़ी में अच्छे संस्कार जगाने के लिये यह पुस्तक एवं कैसेट सशक्त माध्यम सिद्ध होगी।
Weight | .030 kg |
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Dimensions | 21.6 × .5 × 13.97 cm |
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