क्रियाशोध विद्यालय की सामाजिक समस्याओं का समाधान करने की प्रभावशाली विधि है जिससे शिक्षक बहुत लाभान्वित हो सकते हैं। दिसम्बर 1989 में ओडिशा भुवनेश्वर में शिक्षा विकास समिति ने एक शोध गोष्ठी में ऐसी अनेक समस्याओं तथा उनका क्या समाधान निकाला, इस विषय पर बहुत महत्वपूर्ण जानकारी देने वाली गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न विद्यालयों ने अपने-अपने अनुभव प्रस्तुत किए। इनका लाभ पाठ्यक्रम सुधार पर बहुत हुआ। विभिन्न विद्यालयों में जो भी समय-समय पर आने वाली समस्याओं का समाधान निकाला गया, वह सारा इस पुस्तक में संकलित है, जो आचार्यों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हो सकता है।
Vidhyalyeen Shiksha Mein Kriyashodh- विद्यालयीन शिक्षा में क्रियाशोध
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क्रियाशोध विद्यालय की सामाजिक समस्याओं का समाधान करने की प्रभावशाली विधि है जिससे शिक्षक बहुत लाभान्वित हो सकते हैं। दिसम्बर 1989 में ओडिशा भुवनेश्वर में शिक्षा विकास समिति ने एक शोध गोष्ठी में ऐसी अनेक समस्याओं तथा उनका क्या समाधान निकाला, इस विषय पर बहुत महत्वपूर्ण जानकारी देने वाली गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न विद्यालयों ने अपने-अपने अनुभव प्रस्तुत किए। इनका लाभ पाठ्यक्रम सुधार पर बहुत हुआ। विभिन्न विद्यालयों में जो भी समय-समय पर आने वाली समस्याओं का समाधान निकाला गया, वह सारा इस पुस्तक में संकलित है, जो आचार्यों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हो सकता है।
Weight | .190 kg |
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Dimensions | 21.6 × 1.0 × 13.97 cm |
Author | डॉ० नित्यानंद प्रधान, डॉ० सिद्धनाथ साहू एवं डॉ० लतिका मिश्रा |
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