शिक्षा का मनोविज्ञान के साथ बहुत घनिष्ठ सम्बन्ध है जब तक शिक्षक यह नहीं जानता कि किसको पढ़ाना है और उसकी समझने की क्षमता कितनी है तथा उसको कैसे पढ़ाना है तब तक सारी शिक्षा प्रक्रिया निष्फल और व्यर्थ रहती है। शिक्षा का काम सूचना देना मात्र नहीं अपितु व्यक्तित्व में पूर्ण रूप से परिवर्तन लाना है। दुर्भाग्य से आज जो पाश्चात्य मनोविज्ञान जो हमारे शिक्षाविधो को पढ़ाया जा रहा है, वह मानव व्यक्तित्व की पूर्ण व्याख्या नहीं कर पाता। इस पुस्तक में भारतीय शिक्षा मनोविज्ञान के उन आधारों की बहुत विस्तृत रूप से वर्णित किया गया है जो व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के आवश्यक तत्व हैं।
Bhartiya Shiksha Manovigyan Ke Aadhar- भारतीय शिक्षा मनोविज्ञान के आधार
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शिक्षा का मनोविज्ञान के साथ बहुत घनिष्ठ सम्बन्ध है जब तक शिक्षक यह नहीं जानता कि किसको पढ़ाना है और उसकी समझने की क्षमता कितनी है तथा उसको कैसे पढ़ाना है तब तक सारी शिक्षा प्रक्रिया निष्फल और व्यर्थ रहती है। शिक्षा का काम सूचना देना मात्र नहीं अपितु व्यक्तित्व में पूर्ण रूप से परिवर्तन लाना है। दुर्भाग्य से आज जो पाश्चात्य मनोविज्ञान जो हमारे शिक्षाविधो को पढ़ाया जा रहा है, वह मानव व्यक्तित्व की पूर्ण व्याख्या नहीं कर पाता। इस पुस्तक में भारतीय शिक्षा मनोविज्ञान के उन आधारों की बहुत विस्तृत रूप से वर्णित किया गया है जो व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के आवश्यक तत्व हैं।
Weight | .210 kg |
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Dimensions | 22.35 × .8 × 14.48 cm |
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