भारत समस्त विश्व के लिए सभ्यता के आरंभिक काल से ही ज्ञान का स्रोत रहा है और आज भी विश्व को हर प्रकार का ज्ञान देकर मानवता को पतन की अवस्था से निकालने में अग्रगण्य है। ऐसे मनीषियों का जीवन चरित्र, जिन्होंने इस भूमि को ज्ञान-पुंज बनाया, पुण्य भूमि बनाया, विश्व का गुरु बनाकर उच्च कोटि का साहित्य दिया और जीवन में त्याग तथा सेवा के संस्कार देकर इसको अध्यात्म भूमि बना दिया। ऐसी सभी विभूतियों के पावन चरित्र और भारत की पावन भूमि का विवरण इस पुस्तक में संकलित है।
TejoMay Bharat- तेजोमय भारत
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जीवन में सब सुख की ही कमाना करते हैं, दुःख आने पर सब विचलित हो जाते है किंतु दुःख के मूल कारण को जान समझ कर उससे बचने का और स्थायी सुख का मार्ग खोजने का प्राय: कोई प्रयास नही करना चाहता। अध्यात्म के मार्ग को दुष्कर और सामान्य, संसारीजनों के लिए दुष्प्राप्य मान लिया जाता है। ऐसे में, संसार में रहते हुए सर्वसाधारण जीवनचर्या का निर्वाह करते हुए भी कैसे अध्यात्म के परम तत्व को अनुभव किया जा सकता है, इस प्रकार की जीवन दृष्टि की सप्ष्ट झलक मिलती है भगवान महावीर के जीवन चरित्र और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों से। भगवान महावीर की 2550 वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनकी शिक्षाएं इस देश की अगली पीढ़ी तक पहुंचे, इस दृष्टि से उनके जीवन चरित्र तथा शिक्षाओं को सरल -सुबोध भाषा में प्रस्तुत किया गया है।
Weight | .200 kg |
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Dimensions | 21.6 × 1.0 × 13.97 cm |
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