स्वामी विवेकानन्द मानव निर्माण का सबसे बड़ा साधन शिक्षा को मानते थे। उन्होंने मानव निर्माण करने वाली शिक्षा की कल्पना विश्व को दी जिसके आधार पर भौतिकता के अंधकार में भटकती हुई मानवता को पतन अवस्था से बचाया जा सकता है। उनके शिक्षा सम्बन्धी विचार राष्ट्र के विकास के लिए प्रकाश का पुंज हैं। वर्तमान शिक्षा प्रणाली केवल सूचनाओं का बोझ बनकर रह गयी है। पाश्चात्य प्रभाव से यह भौतिकवाद एवं भोगवाद का साधन बन गयी है। विवेकानन्द ने शिक्षा की इस दैन्य अवस्था को पहचाना और शिक्षा विषयक श्रेष्ठ विचार देकर राष्ट्र को दृढ़ आधार प्रदान किया, जिनका विश्लेषण इस पुस्तक में किया गया है।
Swami Vivekanand ke Shiksha Vishyak Vichar- स्वामी विवेकानन्द के शिक्षा-विषयक विचार
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स्वामी विवेकानन्द मानव निर्माण का सबसे बड़ा साधन शिक्षा को मानते थे। उन्होंने मानव निर्माण करने वाली शिक्षा की कल्पना विश्व को दी जिसके आधार पर भौतिकता के अंधकार में भटकती हुई मानवता को पतन अवस्था से बचाया जा सकता है। उनके शिक्षा सम्बन्धी विचार राष्ट्र के विकास के लिए प्रकाश का पुंज हैं। वर्तमान शिक्षा प्रणाली केवल सूचनाओं का बोझ बनकर रह गयी है। पाश्चात्य प्रभाव से यह भौतिकवाद एवं भोगवाद का साधन बन गयी है। विवेकानन्द ने शिक्षा की इस दैन्य अवस्था को पहचाना और शिक्षा विषयक श्रेष्ठ विचार देकर राष्ट्र को दृढ़ आधार प्रदान किया, जिनका विश्लेषण इस पुस्तक में किया गया है।
Weight | .240 kg |
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Dimensions | 22.10 × 1.0 × 14.48 cm |
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