Nayi Shiksha Niti- नई शिक्षा नीति (2015)

20.00

जीवन में सब सुख की ही कमाना करते हैं, दुःख आने पर सब विचलित हो जाते है किंतु दुःख के मूल कारण को जान समझ कर उससे बचने का और स्थायी सुख का मार्ग खोजने का प्राय: कोई प्रयास नही करना चाहता। अध्यात्म के मार्ग को दुष्कर और सामान्य, संसारीजनों के लिए दुष्प्राप्य मान लिया जाता है। ऐसे में, संसार में रहते हुए सर्वसाधारण जीवनचर्या का निर्वाह करते हुए भी कैसे अध्यात्म के परम तत्व को अनुभव किया जा सकता है, इस प्रकार की जीवन दृष्टि की सप्ष्ट झलक मिलती है भगवान महावीर के जीवन चरित्र और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों से। भगवान महावीर की 2550 वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनकी शिक्षाएं इस देश की अगली पीढ़ी तक पहुंचे, इस दृष्टि से उनके जीवन चरित्र तथा शिक्षाओं को सरल -सुबोध भाषा में प्रस्तुत किया गया है।

विद्या भारती, शिक्षा के क्षेत्र के प्रमुख वैचारिक संगठन होने के नाते, शिक्षा नीति के कार्य को अपना दायित्व मानती है। नई शिक्षा नीति 2015 का संदर्भ उठा तो विद्या भारती ने इस पर चिंतन और चर्चा का एक बृहद् अनुष्ठान किया। इस दृष्टि से अनेक गतिविधियों में से एक भोपाल में सम्पन्न हुई द्विदिवसीय कार्यशाला है। इसमें देशभर से अनेक शिक्षाविद् सम्मिलित हुए और गहन चिंतन, चर्चा और मंथन के बाद जो नवनीत निकलकर आया वह इस पुस्तिका में सहेजा गया है। विश्वास है कि नवनीत पुष्टिकर सिद्ध होगा।

Weight .120 kg
Dimensions 21.6 × .7 × 13.97 cm
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