जग सिरमौर बनायें भारत , इस भाव के प्रस्फुटन में मनोमस्तिष्क को झकझोरने की सामर्थ्य से युक्त है । जब कभी इस वन्दना – प्रार्थना गीत की रचना हुई होगी , उस समय रचयिता के मन में किस प्रकार के भाव जागृत हो रहे होंगे , उनकी कल्पना ही की जा सकती है । लेखक ने उस कल्पना के तन्तु पकड़ कर , कवि की भावपीठिका पर बैठकर , विचारों के ताने – बाने को शब्दों का आकार देने के लिए साहित्य में अपेक्षाकृत कम प्रचलित विधा का अभिनव प्रयोग किया है।



Jagsirmor Bnaye Bharat- जगसिरमौर बनाएं भारत
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जग सिरमौर बनायें भारत , इस भाव के प्रस्फुटन में मनोमस्तिष्क को झकझोरने की सामर्थ्य से युक्त है । जब कभी इस वन्दना – प्रार्थना गीत की रचना हुई होगी , उस समय रचयिता के मन में किस प्रकार के भाव जागृत हो रहे होंगे , उनकी कल्पना ही की जा सकती है । लेखक ने उस कल्पना के तन्तु पकड़ कर , कवि की भावपीठिका पर बैठकर , विचारों के ताने – बाने को शब्दों का आकार देने के लिए साहित्य में अपेक्षाकृत कम प्रचलित विधा का अभिनव प्रयोग किया है।
| Weight | .070 kg |
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| Dimensions | 21.6 × .5 × 13.97 cm |
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