भारत की संस्कृति अमर और दुर्जेय है। इसकी गौरवशाली परम्पराओं को वेदकाल से लेकर अब तक उसी प्रकार बनाए रखने वाले अनेक इतिहास पुरुष, तेजस्वी नारियां और महान् विभूतियां इतिहास पटल पर अपनी धवल कीर्ति के चिह्न छोड़कर स्वयं भी अमर और प्रातः स्मरणीय बन गयीं। ऐसी राष्ट्र को समर्पित समस्त विभूतियों के गौरव की गाथा के प्रथम खण्ड में इक्यावन ऐसे महापुरुषों के जीवन का परिचय दिया गया है।
Hamare Rashtra Nirmata -1 – हमारे राष्ट्र निर्माता-1
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जीवन में सब सुख की ही कमाना करते हैं, दुःख आने पर सब विचलित हो जाते है किंतु दुःख के मूल कारण को जान समझ कर उससे बचने का और स्थायी सुख का मार्ग खोजने का प्राय: कोई प्रयास नही करना चाहता। अध्यात्म के मार्ग को दुष्कर और सामान्य, संसारीजनों के लिए दुष्प्राप्य मान लिया जाता है। ऐसे में, संसार में रहते हुए सर्वसाधारण जीवनचर्या का निर्वाह करते हुए भी कैसे अध्यात्म के परम तत्व को अनुभव किया जा सकता है, इस प्रकार की जीवन दृष्टि की सप्ष्ट झलक मिलती है भगवान महावीर के जीवन चरित्र और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों से। भगवान महावीर की 2550 वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनकी शिक्षाएं इस देश की अगली पीढ़ी तक पहुंचे, इस दृष्टि से उनके जीवन चरित्र तथा शिक्षाओं को सरल -सुबोध भाषा में प्रस्तुत किया गया है।
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Dimensions | 21.59 × .8 × 13.71 cm |
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