विद्या भारती के 172 विद्यालय जों केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से सम्बन्धित हैं इन सभी विद्यालयों के प्राचार्य एक स्थान पर इस आशय से एकत्र हुए कि शिक्षा को भारतीयता का आधार प्रदान करने में संलग्न संस्थाओं के प्रयत्न किस प्रकार मिलकर एक और एक ग्यारह बनें। तीन दिन के इस महत्वपूर्ण विचार मंथन को एक स्मारिका स्वरूप देकर एक स्मृति एवं संदर्भ के रूप में तैयार किया गया है।
Drishti Bodh Pracharya Sammelan Patrika- दृष्टि बोध (सी.बी.एस.ई.) प्राचार्य सम्मलेन पत्रिका
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जीवन में सब सुख की ही कमाना करते हैं, दुःख आने पर सब विचलित हो जाते है किंतु दुःख के मूल कारण को जान समझ कर उससे बचने का और स्थायी सुख का मार्ग खोजने का प्राय: कोई प्रयास नही करना चाहता। अध्यात्म के मार्ग को दुष्कर और सामान्य, संसारीजनों के लिए दुष्प्राप्य मान लिया जाता है। ऐसे में, संसार में रहते हुए सर्वसाधारण जीवनचर्या का निर्वाह करते हुए भी कैसे अध्यात्म के परम तत्व को अनुभव किया जा सकता है, इस प्रकार की जीवन दृष्टि की सप्ष्ट झलक मिलती है भगवान महावीर के जीवन चरित्र और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों से। भगवान महावीर की 2550 वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनकी शिक्षाएं इस देश की अगली पीढ़ी तक पहुंचे, इस दृष्टि से उनके जीवन चरित्र तथा शिक्षाओं को सरल -सुबोध भाषा में प्रस्तुत किया गया है।
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Dimensions | 25.4 × .5 × 19.30 cm |
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