बाल अवस्था में मन का भाव पक्ष सक्रिय होता है। यह आयु प्रेरणा ग्रहण करने की आयु है। यह आयु बालक की सदगुण-सदाचार की आदतें बनाने वाली आयु है। इसलिए इस आयु में प्रेरणादायी घटनाओं, चरित्रों को कहानी रूप में बताना उसके चरित्र निर्माण में बड़ा उपयोगी सिद्ध होता है। कहानी सुनना व पढ़ना प्रत्येक आयु वर्ग को भाता है। विशेषकर बालकों के लिए तो कहानी अत्यन्त रसप्रद होती है। इन कहानियों को पढ़कर बालक-बालिकाओं के जीवन में सद्गुणों का विकास हो, इसी हेतु से यह पुस्तक प्रकाशित की जा रही है।
Dada Dadi Ki Kahaniya- दादा-दादी की कहानियाँ
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जीवन में सब सुख की ही कमाना करते हैं, दुःख आने पर सब विचलित हो जाते है किंतु दुःख के मूल कारण को जान समझ कर उससे बचने का और स्थायी सुख का मार्ग खोजने का प्राय: कोई प्रयास नही करना चाहता। अध्यात्म के मार्ग को दुष्कर और सामान्य, संसारीजनों के लिए दुष्प्राप्य मान लिया जाता है। ऐसे में, संसार में रहते हुए सर्वसाधारण जीवनचर्या का निर्वाह करते हुए भी कैसे अध्यात्म के परम तत्व को अनुभव किया जा सकता है, इस प्रकार की जीवन दृष्टि की सप्ष्ट झलक मिलती है भगवान महावीर के जीवन चरित्र और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों से। भगवान महावीर की 2550 वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनकी शिक्षाएं इस देश की अगली पीढ़ी तक पहुंचे, इस दृष्टि से उनके जीवन चरित्र तथा शिक्षाओं को सरल -सुबोध भाषा में प्रस्तुत किया गया है।
Weight | .080 kg |
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Dimensions | 21.6 × .5 × 13.97 cm |
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