Bharat Ke Parmukh Vigyanacharya- भारत के प्रमुख विज्ञानाचार्य

33.00

ऐतिहासिक तथ्यों तथा ग्रन्थों से मिलने वाले साक्ष्य अब इस बात को सिद्ध कर रहे हैं कि प्राचीन भारत ने जितना अध्यात्म के क्षेत्र में संसार को दिया, उतना ही विज्ञान के क्षेत्र में भी भारत अग्रणी रहा है। परमाणुवाद, गुरुत्वाकर्षण, खगोल विद्या आदि में जिन प्राचीन ऋषियों ने अनुसंधान किए, उनके संक्षिप्त जीवन परिचय तथा आज के युग में जिन वैज्ञानिकों ने भारत का नाम विश्व में ऊँचा किया, उनकी उपलब्धियों का परिचय इस पुस्तक में है, जिसे पढ़कर हमारे बालकों का सिर गर्व से ऊँचा हो सकेगा।

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ऐतिहासिक तथ्यों तथा ग्रन्थों से मिलने वाले साक्ष्य अब इस बात को सिद्ध कर रहे हैं कि प्राचीन भारत ने जितना अध्यात्म के क्षेत्र में संसार को दिया, उतना ही विज्ञान के क्षेत्र में भी भारत अग्रणी रहा है। परमाणुवाद, गुरुत्वाकर्षण, खगोल विद्या आदि में जिन प्राचीन ऋषियों ने अनुसंधान किए, उनके संक्षिप्त जीवन परिचय तथा आज के युग में जिन वैज्ञानिकों ने भारत का नाम विश्व में ऊँचा किया, उनकी उपलब्धियों का परिचय इस पुस्तक में है, जिसे पढ़कर हमारे बालकों का सिर गर्व से ऊँचा हो सकेगा।

Weight .060 kg
Dimensions 21.6 × .5 × 13.97 cm
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