Veerangna Rani Maa Gaidinlyu- वीरांगना रानी माँ गाईदिन्लियु

25.00

ब्रिटिश साम्राज्यवाद से भारत भू को मुक्त कराने में उत्तर पूर्व की जनता की भूमिका अति सराहनीय रही है। नागालैंड में नागावीर जादोनांग ने जो स्वतंत्रता के लिए आंदोलन चलाया वह वहां की नाग जाति के लिए धर्मयुद्ध था। इस वीर सेनानी की फांसी के पश्चात् रानी मां गाईदिन्लियू ने इस क्रांतिकारी आंदोलन का नेतृत्व किया जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक अद्भुत उदाहरण बन गया। आवश्यकता इस बात की है कि संपूर्ण भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में उत्तर पूर्व के जनजातीय समाज के योगदान को उजागर किया जाए। यह कार्य इस पुस्तक के सुधी लेखक ने रानी मां की वीरता त्यागमय तथा संघर्षमय जीवनी द्वारा लिया है जिससे नागा तथा संपूर्ण उत्तर पूर्व की जनजाति की देशभक्ति उजागर हो जाए।

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ब्रिटिश साम्राज्यवाद से भारत भू को मुक्त कराने में उत्तर पूर्व की जनता की भूमिका अति सराहनीय रही है। नागालैंड में नागावीर जादोनांग ने जो स्वतंत्रता के लिए आंदोलन चलाया वह वहां की नाग जाति के लिए धर्मयुद्ध था। इस वीर सेनानी की फांसी के पश्चात् रानी मां गाईदिन्लियू ने इस क्रांतिकारी आंदोलन का नेतृत्व किया जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक अद्भुत उदाहरण बन गया। आवश्यकता इस बात की है कि संपूर्ण भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में उत्तर पूर्व के जनजातीय समाज के योगदान को उजागर किया जाए। यह कार्य इस पुस्तक के सुधी लेखक ने रानी मां की वीरता त्यागमय तथा संघर्षमय जीवनी द्वारा लिया है जिससे नागा तथा संपूर्ण उत्तर पूर्व की जनजाति की देशभक्ति उजागर हो जाए।

Weight .040 kg
Dimensions 21.84 × .5 × 13.97 cm
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