Amar krantikari Chandersekhar Azad- अमर क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद

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जीवन में सब सुख की ही कमाना करते हैं, दुःख आने पर सब विचलित हो जाते है किंतु दुःख के मूल कारण को जान समझ कर उससे बचने का और स्थायी सुख का मार्ग खोजने का प्राय: कोई प्रयास नही करना चाहता। अध्यात्म के मार्ग को दुष्कर और सामान्य, संसारीजनों के लिए दुष्प्राप्य मान लिया जाता है। ऐसे में, संसार में रहते हुए सर्वसाधारण जीवनचर्या का निर्वाह करते हुए भी कैसे अध्यात्म के परम तत्व को अनुभव किया जा सकता है, इस प्रकार की जीवन दृष्टि की सप्ष्ट झलक मिलती है भगवान महावीर के जीवन चरित्र और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों से। भगवान महावीर की 2550 वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनकी शिक्षाएं इस देश की अगली पीढ़ी तक पहुंचे, इस दृष्टि से उनके जीवन चरित्र तथा शिक्षाओं को सरल -सुबोध भाषा में प्रस्तुत किया गया है।

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अंग्रेजी दासता से भारत को मुक्त कराके एक नया इतिहास रचने वाले क्रान्तिकारियों में आजाद का नाम धवल नक्षत्र की भाँति है, जिनका नाम ही साम्राज्यवाद के विरुद्ध प्रबल विद्रोह का चिह्न बन गया था, जिनकी गोलियों की गूंज से लाहौर से लेकर बंगाल तक सारा भारत दहल उठा था। उन्होंने प्रतिज्ञा की थी कि अंग्रेजों के अपवित्र हाथ मेरे शरीर का स्पर्श नहीं कर सकेंगे और इसको पूरा करके दिखाया। स्वतंत्रता संग्राम के इस वीर सपूत का संक्षिप्त तथा ओजस्वी जीवन पुस्तक में वर्णित है।

Weight .050 kg
Dimensions 21.59 × .5 × 13.97 cm
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