विद्या भारती द्वारा सारे देश में उपेक्षित क्षेत्र और मलिन बस्तियों की शिक्षा का विशाल आयोजन किया गया है। झुग्गी झोंपड़ी वनवासी क्षेत्र तथा ऐसी बस्तियों में जिनकी ओर कुलीन नागरिकों का ध्यान ही नहीं गया और शिक्षा की ज्योति से वंचित हैं, एकल आचार्य विद्यालय स्थापित करके सारे उपेक्षित समाज में स्वावलंबन, देश प्रेम, और संस्कृत की ज्योति जगाने का कार्य यह संस्कार केन्द्र कर रहे हैं। इनको विधिवत रूप से चलाने के लिए जो पाठ्यक्रम तैयार किया गया है, उसका विवरण इस पुस्तक में है। कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए यह पुस्तक अत्यंत उपयोगी है।
Vidhya Bharti Sanskar Kendra Parsikshan Aur Pathyakaram- विद्या भारती संस्कार केंद्र प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम
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जीवन में सब सुख की ही कमाना करते हैं, दुःख आने पर सब विचलित हो जाते है किंतु दुःख के मूल कारण को जान समझ कर उससे बचने का और स्थायी सुख का मार्ग खोजने का प्राय: कोई प्रयास नही करना चाहता। अध्यात्म के मार्ग को दुष्कर और सामान्य, संसारीजनों के लिए दुष्प्राप्य मान लिया जाता है। ऐसे में, संसार में रहते हुए सर्वसाधारण जीवनचर्या का निर्वाह करते हुए भी कैसे अध्यात्म के परम तत्व को अनुभव किया जा सकता है, इस प्रकार की जीवन दृष्टि की सप्ष्ट झलक मिलती है भगवान महावीर के जीवन चरित्र और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों से। भगवान महावीर की 2550 वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनकी शिक्षाएं इस देश की अगली पीढ़ी तक पहुंचे, इस दृष्टि से उनके जीवन चरित्र तथा शिक्षाओं को सरल -सुबोध भाषा में प्रस्तुत किया गया है।
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Dimensions | 21.6 × .7 × 22.10 cm |
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