श्री आपटे जी संघ नीव में विसर्जित विभूतियों में से हैं जिनका सारा जीवन त्याग तथा देश सेवा का ज्वलन्त उदाहरण है। वे अखण्ड कर्मयोग, देश भक्ति तथा अद्भुत संगठन कौशल की जीवन्त मूर्ति थे। ज्ञान की दृष्टि से उन्हें चलता फिरता बौद्धिक विभाग माना जाता था। उनका कठोर तापस जीवन प्रत्येक छात्र तथा आचार्य के लिए सतत् प्रेरणा का स्रोत है। संघ के श्रेष्ठ प्रचारक के रूप में उन्होंने संगठन को दृढ़ आधार प्रदान किया।
Shri Baba Saheb Apte- श्री बाबा साहेब आप्टे
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जीवन में सब सुख की ही कमाना करते हैं, दुःख आने पर सब विचलित हो जाते है किंतु दुःख के मूल कारण को जान समझ कर उससे बचने का और स्थायी सुख का मार्ग खोजने का प्राय: कोई प्रयास नही करना चाहता। अध्यात्म के मार्ग को दुष्कर और सामान्य, संसारीजनों के लिए दुष्प्राप्य मान लिया जाता है। ऐसे में, संसार में रहते हुए सर्वसाधारण जीवनचर्या का निर्वाह करते हुए भी कैसे अध्यात्म के परम तत्व को अनुभव किया जा सकता है, इस प्रकार की जीवन दृष्टि की सप्ष्ट झलक मिलती है भगवान महावीर के जीवन चरित्र और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों से। भगवान महावीर की 2550 वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनकी शिक्षाएं इस देश की अगली पीढ़ी तक पहुंचे, इस दृष्टि से उनके जीवन चरित्र तथा शिक्षाओं को सरल -सुबोध भाषा में प्रस्तुत किया गया है।
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Dimensions | 21.59 × 0.5 × 13.97 cm |
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