Shree Ramayan- श्रीरामायण – सुभाषितामृतम्

8.00

श्रीरामायण विश्व के साहित्य में ऐसा ग्रन्थ है जिसके जोड़ का दूसरा ग्रन्थ मिलना संभव नहीं है। रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि एक क्रांतदर्शी और रससिद्ध महाकवि थे उन्होंने भगवान राम के धर्मशील जीवन से मानव मात्र के लिये जो आदर्श प्रस्तुत किये हैं वो अत्यन्त श्रेष्ठ और उदात्त भावनाओं का निर्माण करने वाले हैं। रामायण महाकाव्य दो खंडों में और बहुत विस्तृत है विद्यालय के छात्रों के लिये उसका अध्ययन करना कठिन हो जाता है। इस दृष्टि से रामायण से सुभाषितों को लेकर छात्रों के समक्ष प्रस्तुत करके उनको संस्कारित करने की दृष्टि से ये सुभाषित संकलित किये गये हैं।

श्रीरामायण विश्व के साहित्य में ऐसा ग्रन्थ है जिसके जोड़ का दूसरा ग्रन्थ मिलना संभव नहीं है। रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि एक क्रांतदर्शी और रससिद्ध महाकवि थे उन्होंने भगवान राम के धर्मशील जीवन से मानव मात्र के लिये जो आदर्श प्रस्तुत किये हैं वो अत्यन्त श्रेष्ठ और उदात्त भावनाओं का निर्माण करने वाले हैं। रामायण महाकाव्य दो खंडों में और बहुत विस्तृत है विद्यालय के छात्रों के लिये उसका अध्ययन करना कठिन हो जाता है। इस दृष्टि से रामायण से सुभाषितों को लेकर छात्रों के समक्ष प्रस्तुत करके उनको संस्कारित करने की दृष्टि से ये सुभाषित संकलित किये गये हैं।