प्राचीन योग साधना तथा कुण्डलिनी जागरण में मुद्राओं का विशेष महत्व है। मुद्रा साधना के बिना उन सुप्त शक्तियों को जगाना सम्भव नहीं है जिनके द्वारा मनुष्य दिव्यता को प्राप्त कर सकता है। मुद्राओं का वैज्ञानिक तथा शास्त्र-सम्मत ढंग से विवेचन इस पुस्तक में एक महान विशेषज्ञ द्वारा किया गया है। शरीर तथा मन को स्वस्थ रखने तथा आत्मोत्थान के लिए मुद्रा विज्ञान का अध्ययन अति आवश्यक है।
Mudra Vigyan- मुद्रा विज्ञान
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जीवन में सब सुख की ही कमाना करते हैं, दुःख आने पर सब विचलित हो जाते है किंतु दुःख के मूल कारण को जान समझ कर उससे बचने का और स्थायी सुख का मार्ग खोजने का प्राय: कोई प्रयास नही करना चाहता। अध्यात्म के मार्ग को दुष्कर और सामान्य, संसारीजनों के लिए दुष्प्राप्य मान लिया जाता है। ऐसे में, संसार में रहते हुए सर्वसाधारण जीवनचर्या का निर्वाह करते हुए भी कैसे अध्यात्म के परम तत्व को अनुभव किया जा सकता है, इस प्रकार की जीवन दृष्टि की सप्ष्ट झलक मिलती है भगवान महावीर के जीवन चरित्र और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों से। भगवान महावीर की 2550 वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनकी शिक्षाएं इस देश की अगली पीढ़ी तक पहुंचे, इस दृष्टि से उनके जीवन चरित्र तथा शिक्षाओं को सरल -सुबोध भाषा में प्रस्तुत किया गया है।
Weight | .370 kg |
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Dimensions | 21.84 × 1.5 × 14.22 cm |
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