सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में शैक्षिक प्रयोगों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मुख्य उद्देश्य ‘सीखना’ होता है, इसलिए प्रयोग भी समय-स्थान- पात्र की परिस्थितियों के अनुसार बदलते रहते हैं। ‘मेरे’ द्वारा किए गए प्रयोग ‘आपके’ लिए भी वैसे ही उपयोगी तथा फलदायी होंगे, यह पक्का नहीं होता। तथापि, शिक्षक के रूप में मैं भी स्वयं विद्यार्थी ही होता हूँ, इसीलिए किसी अन्य वरिष्ठजन द्वारा किए गए प्रयोगों को यथावत् या अपनी और अपने विद्यार्थियों की आवश्यकता के अनुरूप उनमें कुछ संशोधन- परिवर्तन करके उनको उपयोग में लाया जा सकता है। इसी उद्देश्य से इस संकलन का प्रकाशन किया गया है।
Anubhut Sakshik Paryog- अनुभूत शैक्षिक प्रयोग
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जीवन में सब सुख की ही कमाना करते हैं, दुःख आने पर सब विचलित हो जाते है किंतु दुःख के मूल कारण को जान समझ कर उससे बचने का और स्थायी सुख का मार्ग खोजने का प्राय: कोई प्रयास नही करना चाहता। अध्यात्म के मार्ग को दुष्कर और सामान्य, संसारीजनों के लिए दुष्प्राप्य मान लिया जाता है। ऐसे में, संसार में रहते हुए सर्वसाधारण जीवनचर्या का निर्वाह करते हुए भी कैसे अध्यात्म के परम तत्व को अनुभव किया जा सकता है, इस प्रकार की जीवन दृष्टि की सप्ष्ट झलक मिलती है भगवान महावीर के जीवन चरित्र और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों से। भगवान महावीर की 2550 वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनकी शिक्षाएं इस देश की अगली पीढ़ी तक पहुंचे, इस दृष्टि से उनके जीवन चरित्र तथा शिक्षाओं को सरल -सुबोध भाषा में प्रस्तुत किया गया है।
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Dimensions | 21.59 × .8 × 13.97 cm |
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