विद्या भारती अिऽल भारतीय शिक्षा संस्थान इस समय भारत का सबसे बड़ा शैक्षिक संगठन है जो देश की सारी शिक्षा व्यवस्था को अंग्रेजी शिक्षा की जंजीरों से मुत्तफ़ कराके वैकल्पिक शिक्षा पद्धति स्थापित करने के लिए कृत संकल्प है। इसके लिए समय-समय पर देश के महान विचारक तथा शिक्षाविद् निरन्तर चिन्तन करते रहते हैं। सितम्बर 2014 में वृंदावन में शिक्षा मनीषी माननीय श्री सुरेश सोनी जी ने एक दिशा बोध दिया था जिसके बिन्दुओं पर पूजनीय सरसंघचालक जी ने गहन चिंतन किया। पुनः फरवरी अिऽल भारतीय प्रधानाचार्य सम्मेलन में मा. श्री कृष्ण गोपाल जी का प्रेरक मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। इन सभी विचारों का संकलन इस पुस्तक में संकलित है जो विद्या भारती की भावी योजनाओं का परिचायक है।
Sab Samaj Sath Le Dhyey Shikhar Hum Chade -सब समाज साथ ले ध्येय शिखर हम चढ़ें
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जीवन में सब सुख की ही कमाना करते हैं, दुःख आने पर सब विचलित हो जाते है किंतु दुःख के मूल कारण को जान समझ कर उससे बचने का और स्थायी सुख का मार्ग खोजने का प्राय: कोई प्रयास नही करना चाहता। अध्यात्म के मार्ग को दुष्कर और सामान्य, संसारीजनों के लिए दुष्प्राप्य मान लिया जाता है। ऐसे में, संसार में रहते हुए सर्वसाधारण जीवनचर्या का निर्वाह करते हुए भी कैसे अध्यात्म के परम तत्व को अनुभव किया जा सकता है, इस प्रकार की जीवन दृष्टि की सप्ष्ट झलक मिलती है भगवान महावीर के जीवन चरित्र और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों से। भगवान महावीर की 2550 वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनकी शिक्षाएं इस देश की अगली पीढ़ी तक पहुंचे, इस दृष्टि से उनके जीवन चरित्र तथा शिक्षाओं को सरल -सुबोध भाषा में प्रस्तुत किया गया है।
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Dimensions | 21.6 × .5 × 13.97 cm |
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