ब्रह्माण्ड का रहस्य उद्घाटित करने में भारत के मनीषी सभ्यता के आरम्भ से ही लगे रहे हैं। इसलिए नक्षत्र विद्या में भारत विश्व में सबसे उच्च शिखर पर रहा है। आज भी भारत अंतरिक्ष अभियान में संसार की अग्रिम पंक्ति में खड़ा है। प्रस्तुत पुस्तक इस विषय में अद्यतन जानकारी देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। भारत में 1962 से अंतरिक्ष की खोज का कार्य आरम्भ हो गया था। जब प्रथम नेशनल कमेटी आन स्पेस रिसर्च बनी थी, भारत ने बहुत से उपग्रह आकाश में भेजे और यह कार्यक्रम आगे-आगे प्रगति करता रहा, जिसका विवरण इस पुस्तक में बड़े विशद रूप में दिया गया है।
Antariksh Anusandhaan Ke Shetar Mein Bharat Ke Badhate Kadam- अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदम
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ब्रह्माण्ड का रहस्य उद्घाटित करने में भारत के मनीषी सभ्यता के आरम्भ से ही लगे रहे हैं। इसलिए नक्षत्र विद्या में भारत विश्व में सबसे उच्च शिखर पर रहा है। आज भी भारत अंतरिक्ष अभियान में संसार की अग्रिम पंक्ति में खड़ा है। प्रस्तुत पुस्तक इस विषय में अद्यतन जानकारी देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। भारत में 1962 से अंतरिक्ष की खोज का कार्य आरम्भ हो गया था। जब प्रथम नेशनल कमेटी आन स्पेस रिसर्च बनी थी, भारत ने बहुत से उपग्रह आकाश में भेजे और यह कार्यक्रम आगे-आगे प्रगति करता रहा, जिसका विवरण इस पुस्तक में बड़े विशद रूप में दिया गया है।
Weight | .060 kg |
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Dimensions | 21.6 × .5 × 13.97 cm |
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