संस्कृति के रंग कहानियों के संग

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पुस्तक ‘संस्कृति के रंग कहानियों के संग’ में वर्तमान अध्ययनरत भैया-बहनों को अपनी कहानियों के चरित्र नायक गढ़कर, उपनिषदों की शैली में संस्कृति के विभिन्न पक्षों यथा– सत्य की महिमा, देश-धर्म हितार्थ बलिदान, गुरुपूर्णिमा का महत्त्व, नवरात्रिव्रत का औचित्य, पर्यावरण का संरक्षण, परिवार में एकात्मभाव, मोक्ष का व्यावहारिक अर्थ, आज के समय में दीपावली और होली का वास्तविक स्वरूप, रामलला के दर्शन तथा भारतीय नववर्ष मनाना आदि को कहानियों के माध्यम से नई पीढ़ी को उन्हीं के मनोभावों व उन्हीं की भाषा में चित्रित किया है।