Kavya Geet Bawni- काव्य गीत बावनी

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जीवन में सब सुख की ही कमाना करते हैं, दुःख आने पर सब विचलित हो जाते है किंतु दुःख के मूल कारण को जान समझ कर उससे बचने का और स्थायी सुख का मार्ग खोजने का प्राय: कोई प्रयास नही करना चाहता। अध्यात्म के मार्ग को दुष्कर और सामान्य, संसारीजनों के लिए दुष्प्राप्य मान लिया जाता है। ऐसे में, संसार में रहते हुए सर्वसाधारण जीवनचर्या का निर्वाह करते हुए भी कैसे अध्यात्म के परम तत्व को अनुभव किया जा सकता है, इस प्रकार की जीवन दृष्टि की सप्ष्ट झलक मिलती है भगवान महावीर के जीवन चरित्र और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों से। भगवान महावीर की 2550 वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनकी शिक्षाएं इस देश की अगली पीढ़ी तक पहुंचे, इस दृष्टि से उनके जीवन चरित्र तथा शिक्षाओं को सरल -सुबोध भाषा में प्रस्तुत किया गया है।

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गीत-संगीत मात्र मनोरंजन का साधन नहीं होता। शब्दों के कुशल संयोजन से गीत के माध्यम से गायक-श्रोता को जीवन के लिए संदेश भी प्राप्त होते हैं। यही किसी काव्य रचना की वास्तविक भाव-निष्पत्ति है, उद्देश्य सिद्धि है। ‘वन्दे मारतम्’ या ‘मेरा रंग दे बसन्ती चोला’, यों तो गीत ही रचे गए थे किन्तु उन्होंने क्रान्ति रच दी। यही काव्य रचना की सार्थकता है कि वह गायक-श्रोता के अन्दर भावनाओं का ज्वार उत्पन्न कर दे। गीत काव्य काल निरपेक्ष होते हैं, कभी बासी नहीं होते। पुस्तक में संकलित गीत पिछले दशक में गाए जाते रहे हैं किन्तु आगामी वर्षों में भी अपने शैक्षिक संस्थानों में कार्यक्रमों में आवश्यकतानुसार विविध रूपों में इन गीतों का उपयोग किया जा सकता है।

Weight .060 kg
Dimensions 21.6 × .5 × 13.97 cm
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